Tuesday, 4 February 2025

Orientation Visit Sample BSW/MSW

**आवश्यक जानकारी के लिए प्रोफॉर्मा**

 

**संगठन का नाम:** एक्सवाईजेड सोशल वेलफेयर आर्गेनाइजेशन

 

**पता:** 123, एबीसी स्ट्रीट, शहर, पिन कोड

 

**मिशन स्टेटमेंट/मोटो:** समुदायों को सशक्त बनाना, परिवर्तन को संभालना

 

**संस्थागत उद्देश्य:**

1. शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देना।

2. असुरक्षितों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।

3. समुदाय विकास पहल का समर्थन करना।

4. सामाजिक और आर्थिक समावेश को बढ़ावा देना।

 

**मुख्य कार्यकारी अधिकारी/कार्यकारी अधिकारी:** श्री ए. शर्मा

 

**बोर्ड सदस्य:**

- श्रीमती बी. सिंह (अध्यक्ष)

- डॉ. सी. वर्मा (चिकित्सा सलाहकार)

- श्री डी. कपूर (वित्त विशेषज्ञ)

- श्रीमती ई. यादव (समुदाय प्रतिष्ठान)

 

**काम का प्रकार:**

शिक्षा, स्वास्थ्य और समुदाय विकास पर केंद्रित सोशल वेलफेयर संगठन।

 

**लाभार्थियों की संख्या और प्रकृति:**

उपेक्षित वर्गों के बच्चे, महिलाएं और समाज में कमजोर समुदायों सहित लगभग 2,000 व्यक्तियों का समर्थन।

 

**कार्य क्षेत्र की भूगोलीय रेखा:**

संगठन के केंद्र के 50 किलोमीटर के भीतर मुख्यत: शहरी क्षेत्र।

 

**पंजीकरण की स्थिति:**

सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत।

 

**संगठानिक संरचना:**

*(एक साधारित आरेख होना चाहिए, लेकिन यहां पाठवाद्य रूप में प्रदान किया गया है।)*

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    |     गवर्निंग       |

    |      बॉडी          |

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             |

    +--------V----------+

    |                   |

    |   मुख्य कार्यकारी |

    |       अधिकारी     |

    |                   |

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             |

    +--------V----------+

    |                   |

    |      विभाग         |

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**कर्मचारियों की संख्या और प्रकृति:**

- पेशेवर: 15 (शिक्षाविद, डॉक्टर, सोशल वर्कर्स)

- समर्थन कर्मचारी: 10 (प्रशासनिक और रखरखाव)

- स्वयंसेवक: 20 (समुदाय संबोधन, आयोजन)

 

**संगठन के इतिहास:**

एक्सवाईजेड सोशल वेलफेयर आर्गेनाइजेशन को 2005 में स्थापित किया गया था जिसका लक्ष्य क्षेत्र में मौजूद सामाजिक असमानता को पता करना था। वर्षों के साथ, संगठन ने अपने क्रियाकलापों को बढ़

 

ाया है, विशेषकर शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में। कर्मचारी संख्या में वृद्धि और प्रौद्योगिकी के समाहित होने से सेवा प्रदान की दक्षता में सुधार हुआ है।

 

**वित्त प्राप्ति के स्रोत:**

1. विदेशी स्रोत:

   - अंतरराष्ट्रीय संगठन

   - निजी संस्थागत दाता

   - निजी व्यक्तिगत दाता

 

2. आंतरजातीय स्रोत:

   - सरकारी (केंद्रीय, राज्य, पंचायतों)

   - गैर-सरकारी (संस्थागत, व्यक्तिगत, समुदाय संसाधन)

 

**धन प्राप्ति और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए उपाय:**

घटनाओं, समर्थन आवेदनों, और कॉर्पोरेट साथीवाद के साथ विभिन्न धन उधारण रणनीतियों पर जोर। वित्तीय पारदर्शिता और स्थायिता पर जोर।

 

**बुनियादी सुविधाएं:**

- इमारतें: संबंधित गतिविधियों के लिए उपयुक्त सुविधाएं।

- परिवहन: पहुंच कार्यक्रमों और रोगी परिवहन के लिए दल।

- संवाद सहायक: इंटरनेट, फोन, और संवाद के लिए कंप्यूटर।

- ऑडियो/वीडियो उपकरण: जन साक्षरता के लिए प्रोजेक्टर, वीडियो प्लेयर्स।

 

**अन्य संगठनों के साथ संबंध:**

1. **कल्याण संगठन:**

   - समान उद्देश्यों वाले एनजीओजी के साथ समन्वय और सहयोग।

   - सामान्य चुनौतियों और रणनीतियों पर चर्चा के लिए आवधान।

 

2. **सरकारी विभाग:**

   - विशेष कार्यक्रमों पर सहयोग।

   - संगठन की भूमिका के संदर्भ में सरकारी अधिकारियों की धाराओं का मूल्यांकन।

 

3. **पंचायत राज संस्थान (पीआरआई):**

   - सामुदायिक विकास परियोजनाओं में सहयोग।

   - संगठन के अनुसार पीआरआई के प्रभावीपन का मूल्यांकन।

 

4. **समुदाय आधारित संगठन (सीबीओज):**

   - स्वायत्त सीबीओज का समर्थन।

   - सहयोग क्षेत्रों की पहचान के लिए नियमित आमना-सामना।

 

5. **अन्य संगठन (धार्मिक, संघ, आदि):**

   - सहयोग के प्रकार और मात्रा।

 

**सेवाओं के महत्व और गुणवत्ता पर राय:**

कर्मचारियों, ग्राहकों, प्रबंधन, और क्षेत्र के सरकारी अधिकारियों से जुटाई गई राय। अनौपचारिक चर्चा के माध्यम से समुद

 

ाय की राय को जोर देना।

 

**संगठन को किन मुद्दों का सामना करना है और सुझावित उपाय:**

1. **आंतरिक समस्याएं:**

   - वित्त, बुनियादी ढाँचा, कर्मचारी, प्रबंधन, और उद्देश्यों के संबंध में।

 

2. **बाह्य समस्याएं:**

   - लक्षित जनसंख्या से संबंधित समस्याएं जैसे समुदाय सहयोग या नेताओं से असहमति।

   - सरकारी विभागों, अन्य एनजीओजी, पंचायत राज संस्थानों, आदि के साथ रिश्तों से संबंधित बाह्य समस्याएं।

 

**भविष्य की योजनाएँ:**

संगठन के विस्तार और भविष्य के लिए योजनाएँ, नई पहलुओं का सुधार और कैसे आगे बढ़ा जाएगा।

 

**मान्यता और पुरस्कार:**

क्या संगठन को सामाजिक सुधार के लिए मान्यता और पुरस्कार मिले हैं, क्या यह किसी संस्था से जुड़ा है।

 

**किसी अन्य जानकारी:**

उपयोगी जानकारी जैसे आपदा प्रवृत्ति क्षेत्र में सहायता की भागीदारी या कार्यक्रम की राजनीतिक प्रवृत्ति (यदि लागू हो)।

 

**अध्ययन प्रक्रिया:**

अगन्याता और अंदरूनी दृष्टिकोण से संगठन पर आपके विचार। संगठनों की तुलना में उनकी ताकतें और कमजोरियाँ नोट करें।

 

समुदाय के लिए संगठन के महत्व, इसके उद्देश्य और इसके कार्यान्वयन की दृष्टिकोण, आप संगठन के उद्देश्यों के प्राप्ति के लिए आपस में सहमत हैं या असहमत हैं, इस पर अपने विचार प्रदान करें और इसे साबित करें।


Note: Please modify as per your field experience. I will try to update and write in my own words as requirement of the students. Send quarries in comment box.


Self Evaluation Report

आत्ममूल्यांकन रिपोर्ट: छात्र द्वारा

मैं, ____________, तृतीय वर्ष के क्षेत्र कार्य प्रैक्टिकम के दौरान प्राप्त अनुभव का संक्षेपित आत्ममूल्यांकन प्रस्तुत कर रहा हूं। इस कार्य में, मैंने विभिन्न पैरामीटर्स के अनुसार ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण, और पेशेवर आत्म के विकास की प्रमुख दिशा में स्वयं को मूल्यांकित किया है।

मेरा ज्ञान प्रदान करने की क्षमता में सुधार हुआ है, जिसमें मैंने विभिन्न क्षेत्रों में विस्तृत अध्ययन किया है। नए संदेशों, सामाजिक परिस्थितियों, और विभिन्न समस्याओं का सामना करके मैंने अपने ज्ञान को मजबूत किया है।

मैंने कार्य क्षेत्र में कई कौशलों का विकास किया है, जिनमें समस्या समाधान, संवाद कौशल, और टीम काम में सुधार शामिल हैं। मैंने तकनीकी और सामाजिक कौशलों का संबंध बनाए रखने के लिए काम किया है, जो मेरे पेशेवर विकास को समृद्धि में बदलने में मदद करेगा।

मैंने एक सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास किया है जो समस्याओं का सामना करने और समाधान के लिए प्रेरित करता है। मैंने अधिकांश स्थितियों में सहजता से सामना किया है और इसे एक अवसर में बदलने का प्रयास किया है।

मेरा पेशेवर आत्म में विकास हुआ है, जिसमें मैंने नेतृत्व, और समृद्धि की दिशा में कार्य किया है। मैंने नए क्षेत्रों में काम करने के लिए तैयार होने के लिए अपने कौशलों को और भी सुधारा है।

इस क्षेत्र कार्य प्रैक्टिकम दौरान, मैंने नए दृष्टिकोण, कौशल, और विचारों को सीखा है जो मेरे पेशेवर और व्यक्तिगत विकास को मजबूत करने में मदद करेगा। मैंने इस अनुभव से बहुत आत्म-परिचय प्राप्त किया है और आने वाले कार्यों में इसे और भी बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

Note : Please modify as per your field experiences. It is just an example and I will update it soon. Feel free to ask any query regarding study in comment box.

 


Group Conference Sample BSW/MSW

आज व्यक्तिगत सम्मलेन का मेरा प्रथम दिन था। क्षेत्र कार्य का प्रथम अनुभव हम सभी छात्रों के बहुत अच्छा था साथ में हमने जिन चुनौतियों का सामना किया उसके लिए चर्चा करने के लिए भी काफी उत्साहित थे।  फील्ड वर्क सुपरवाइजर द्वारा समाज कार्य के छात्रों के लिए समूह सम्मलेन का ऑनलाइन आयोजन गूगल मीट द्वारा किया गया। आज की बैठक में समाज कार्य तृतीय वर्ष के सभी छात्रों ने भाग लिया। समाज कार्य पर्यवेक्षिका जी ने  सम्मेलन के उद्देश्य और एजेंडा को संक्षेप में बताया।  सभी छात्रों ने अनुकूलन दौरों के दौरान किये गए कार्यों एवं समस्याओं पर चर्चा की. आज की बैठक में भाग लेने वाले छात्रों के नाम निम्नलिखित हैं :

अनिल कुमार

नीलम कुमारी

दर्शन सिंह

राधिका

अनीता कुमारी (स्वयं )

छात्र: राधिका ने अपने फील्ड वर्क अनुभव को साझा करने के लिए तत्परता दिखाई और अपनी प्रगति पर चर्चा करने के लिए तैयार हुई।

सर्वप्रथम क्षेत्र कार्य पर्यवेक्षिका जी द्वारा हम सभी से दिए गए कार्य की प्रगति एवं चुनौतियों के बारे में पूछा :

राधिका ने  अनुकूलन दौरों के दौरान अपनी प्रमुख परियोजनाओं और गतिविधियों का सारांश प्रस्तुत किया तथा बताया कि वह अपने प्रथम अनुकलन दौरे के लिए निष्ठा नाम की संस्था में गयी। जैसा की क्षेत्र कार्य प्रयवेक्षिका जी द्वारा बताया गया था मैंने अपना इग्नू का पहचान पत्र संस्था  में दिखाया तथा संस्था के समन्वयक श्री अनूप कुमार जी से अपने क्षेत्र कार्य जर्नल के बारे में बात की। मुझे अंदर से आत्मविश्वास की कमी लग रही थी। फिर भी मैंने हिम्मत जुटा कर उनसे बात की। थोड़ा बातचीत के बाद उन्होंने मुझे अपनी संस्था की जानकारी प्रदान करने की सहमति प्रदान कर दी।

क्षेत्र कार्य पर्यवेक्षिका जी  ने राधिका की सक्रियता और समर्पण की सराहना की। उन्होंने राधिका को उनके प्रथम अनुकूलन दौरे की सफलता पर बधाई दी और फील्ड वर्क के अगले चरणों के लिए आवश्यक सुझाव और मार्गदर्शन प्रदान किया। क्षेत्र कार्य पर्यवेक्षिका जी  ने राधिका को और अधिक अवलोकन और विश्लेषण करने की सलाह दी, ताकि वे संस्था के कार्यक्रमों की गहराई से समझ प्राप्त कर सकें।

[sako pScaat maOnao Apnao xao~ kaya- ko AnauBava evama caunaaoOityaaoM ko baaro maoM batayaa .maOnao ]nho batayaa ik kuC saMsqaaAaoM maoM laaoga pUNa- jaanakarI p`dana nahIM krnaa caahto hOM.AQaUrI jaanakarI ko saaqa Apnao Anauklana daOro ka ivavarNa kOsao ilaK sakto hO AaOr hma ek samaya saImaa ko Andr jana-la kOsao pUra kr sakto hOM. [sa pr xao~kaya- jana-la pya-vaoxak nao hmaoM batayaa kI xao~ kaya- ko daOrana hmaoM hr jagah ek jaOsaa AnauBava p`aPt nahI haogaa .iksaI BaI saMsqaa pr jaanakarI ko ilae dbaaba Dalanao ka p`yaasa naa kroM.kma sao kma SabdaoM maoM AiQak jaanakarI p`aPt krnao ka p`yaasa kroM.

इसके पश्चात् समाज कार्य के तृतीय वर्ष के छात्र दर्शन ने क्षेत्र कार्यवेक्षिका जी से अपनी समस्याओं के बारे में चर्चा की। उसने बताया की जॉब में से समय निकलना उसके लिए अत्यंत मुश्किल हो रहा है।  क्षेत्र कार्य पर्यवेक्षिका जी ने दर्शन को समझाया

 

फीडबैक और मार्गदर्शन:

 

अवलोकन: सुपरवाइजर ने ham sabhi ko  अधिक अवलोकन और विश्लेषण करने की सलाह दी, ताकि वे संस्था के कार्यक्रमों की गहराई से समझ प्राप्त कर सकें।

*निष्कर्ष:*

व्यक्तिगत सम्मेलन एक आत्मसमीक्षा के विचारशील और सराहनीय प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करता रहा, जो विचारों, चिंताओं, और प्रतिक्रिया की एक खुली आत्मा के विनम्र विनिमय को सुनिश्चित करता है। यह क्षेत्र कार्य प्रैक्टिकम के प्रति एक और उद्दीपनपूर्ण और उद्दीपनपूर्ण दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने के लिए सहारा प्रदान करता है, एक अर्थपूर्ण और समृद्धि भरे शिक्षा अनुभव की सुनिश्चित करता है।

 

 

 

 


Sample Research Work Report for BSW/ MSW students

**अनुसंधान रिपोर्ट**

**कार्य का शीर्षक:**

*सोशल मीडिया का युवा के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: एक विस्तृत अध्ययन*

**परिचय:**

हाल के वर्षों में, सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्मों का व्यापक और बढ़ता हुआ उपयोग युवा जनरेशन के जीवन पर सीधा प्रभाव डाल रहा है। इस अनुसंधान का उद्देश्य सोशल मीडिया के इस प्रभाव को समझकर युवा के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति उसके प्रभावों की गहरी जानकारी प्रदान करना है।

**समस्या का विवेचन:**

सोशल मीडिया के तेजी से बढ़ते उपयोग ने युवा जनरेशन के मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता उत्पन्न की है। इस अध्ययन के माध्यम से हम यह समझना चाहते हैं कि सोशल मीडिया कैसे युवाओं के आत्मसमर्पण, आत्मसम्मान, और सामाजिक इंटरएक्शन्स पर प्रभाव डाल रहा है।

**अध्ययन की आवश्यकता:**

युवा जनरेशन के बीच सोशल मीडिया के उपयोग का तेजी से बढ़ता होना, इसलिए इसके प्रभाव को समझने का एक आवश्यक उत्तरदाता है। इस अध्ययन के नतीजे शिक्षकों, अभिभावकों, और सामाजिक कल्याण क्षेत्र के पेशेवरों को उपयोगकर्ताओं के साथ सकारात्मक और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के लिए तैयार करने में मदद करेंगे।

**अध्ययन के उद्देश्य:**

1. सोशल मीडिया के उपयोग और युवा के मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध की जाँच करना।

2. सोशल मीडिया के प्रभाव के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं की पहचान करना, विशेषकर आत्मसमर्पण और शरीर चित्र पर।

3. सोशल मीडिया के युवा के सामाजिक इंटरएक्शन्स और रिश्तों पर प्रभाव का मूल्यांकन करना।

4. युवाओं के बीच ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता सेटिंग्स के प्रति जागरूकता की जाँच करना।

5. सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सुझाव प्रदान करना।

**अध्ययन का तरीका:**

**ब्रह्मांड:**

यह अध्ययन उम्मीदवारों को शामिल करेगा जो 15 से 25 वर्ष की आयु समूह में हैं और सोशल मीडिया का नियमित उपयोग करते हैं

 

**नमूना:**

सुर्क्षित और योग्य नमूना तकनीकों का उपयोग करके एक निर्दिष्ट संख्या के प्रतिस्थानीय युवाओं से जानकारी एकत्र की जाएगी।

**साकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं का तत्व:**

इस अध्ययन में साकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं की जाँच के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक सांविदानिकों के साथ गहरा अन्वेषण किया जाएगा।

**मापदंड और आंकड़े:**

युवा के मानसिक स्वास्थ्य को मापने के लिए मानक मापदंड और सोशल मीडिया उपयोग के पैटर्न को आंकड़ों में रूपांतरित किया जाएगा।

**आंकड़ा संग्रहण/विश्लेषण:**

आंकड़े संग्रहित करने और विश्लेषण के लिए तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रमुख प्रभावों की स्पष्ट तस्वीर मिलेगी।

**परिणाम:**

अध्ययन के परिणाम से प्रमुख रूप से यह साबित हुआ है कि सोशल मीडिया का उपयोग युवा के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रहा है, विशेषकर स्ट्रेस, आत्मसमर्पण, और शरीर चित्र के पहलुओं पर।

 

**सिफारिशें:**

1. **साकारात्मक सोशल मीडिया उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा:**

   - सामाजिक कल्याण संगठनों और शिक्षा संस्थानों को साकारात्मक सोशल मीडिया उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शिक्षित करने के लिए कार्य करना चाहिए।

 

2. **युवा के लिए साकारात्मक सोशल मीडिया अनुभव को बढ़ावा देने के लिए कैंपेन:**

   - सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को युवा के लिए साकारात्मक सोशल मीडिया अनुभव को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए कैंपेन चलाना चाहिए।

3. **युवाओं के लिए ऑनलाइन सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम:**

   - सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को युवाओं के लिए ऑनलाइन सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए ताकि वे अपनी ऑनलाइन सुरक्षा में सक्षम हों।

4. **पैम्फ्लेट्स और वेबिनार्स का आयोजन:**

   - साकारात्मक सोशल मीडिया उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पैम्फ्लेट्स और वेबिनार्स का आयोजन करके युवा को सूचित करना चाहिए।

 

5. **अगले स्तर का अध्ययन:**

   - इस अध्ययन के आधार पर आगे के अध्ययनों की आवश्यकता है ताकि सोशल मीडिया और युवा के मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध को और भी गहराई से समझा जा सके।

**समापन:**

इस अध्ययन से हमने यह जाना कि सोशल मीडिया का युवा के मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव है, और इस पर कार्रवाई करने की जरुरत है। साकारात्मक सोशल मीडिया उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक जागरूकता और प्रशिक्षण के माध्यम से हम युवा को सुरक्षित और सकारात्मक इंटरनेट उपयोग की ओर मोड़ने का प्रयास कर सकते हैं।


Orientation Visit Sample BSW/MSW

** आवश्यक जानकारी के लिए प्रोफॉर्मा**   ** संगठन का नाम:** एक्सवाईजेड सोशल वेलफेयर आर्गेनाइजेशन   ** पता:** 123, एबीसी स्ट्रीट , शहर...